प्रेमा देवी तथा प्रेमा चौधराईन बनाम उत्तर प्रदेश राज्य 1997 (103) C.R.L.J.3572 अनैतिक व्यापार (निवारण) अधिनियम की धारा 3 एवं धारा 5 के तहत् वेश्यालय चलाने तथा अवयस्क लड़कियों को वेश्यावृत्ति करने के लिए बाध्य करने वाली आरोपी महिला को अपराधी परिवीक्षा अधिनियम 1958 के तहत् या अनैतिक व्यापार (निवारण) अधिनियम 1956 की धारा 10 के तहत् कोई लाभ नहीं दिया जाना चाहिए चाहे वो जमानत पर बाहर हो और काफी लंबी अवधि तक कारावास में रही हो।