Bandhua mukti morcha vs. union of india 1984 ( बंधुआ मुक्तिमोर्चा बनाम भारत संघ A.I.R.1984 S.C.802 )

          
            बंधुआ मुक्तिमोर्चा बनाम भारत संघ A.I.R.1984 S.C.802 के मामले में यह अभिनिर्धारित किया गया है कि जब न्यायालय में लोकहित वाद के माध्यम से यह आरोप लगाया जाता है कि किसी स्थान पर बंधुआ मजदुर है तो राज्य को इसका स्वागत करना चाहिये क्योकि इससे सरकार को यह जाँच करने का कि क्या श्रमिकों से बलतश्रम लिया जा रहा है और साथ उसे कैसे समाप्त किया जा सकता है दोनों के लिए अवसर मिलता है । अनुछेद 23 के अधीन सरकार का यह एक सांविधानिक कर्त्तव्य है। अनुछेद 23 ने बंधुआ मजदुर प्रणाली को समाप्त कर दिया है। इसी उद्देश्य से संसद ने बंधुआ मजदुर प्रणाली उन्मूलन अधिनियम ,1976 पारित किया है।