रामू बनाम राज्य 1995 C.R.L.J 2525 मद्रास असहाय तथा भोली-भाली अवयस्क लड़कियों को वेश्यावृत्ति में घसीटने वाले आरोपी व्यक्ति पर या तो महिलाओं का अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम 1956 की धारा 5(ग) के तहत या फिर भारतीय दंड संहिता की धारा 366 के तहत अभियोजन चलाया जा सकता है या दंडित किया जा सकता है। सामान्य खंड अधिनियम की धारा 26 के अनुसार जब कोई कार्य दो या उससे अधिक विधायनो के तहत् अपराध माना जाता है तो अपराध करने वाले पर दोनों में से किसी भी विधायन के तहत अभियोजन चलाया जा सकता है और ऐसा अभियोजक के विवेक पर निर्भर करता है।