अगर आप भी जानना चाहते हैं कि लॉकडाउन के नियम क्या हैं, तो हम आपको इस बारे में विस्तार से बता रहे हैं। भारत में डिजास्टर मैनेजमेंट कानून 2005 नियमों के तहत लॉकडाउन के मामलों से निबटा जाता है। लॉकडाउन के दौरान बिना इमरजेंसी के घर से बाहर निकलने पर इन धाराओं के तहत कानूनी कार्रवाई की जा सकती है।
धारा 188 के तहत मिलेगी सजा
लॉकडाउन के दौरान अगर आप बिना किसी वजह सिर्फ तफरी मारने के लिए घर से बाहर निकलते हैं तो धारा 188 के तहत आपको 1 महीने की जेल हो सकती है। इस धारा के तहत आपको जुर्माना और जेल दोनों की सजा हो सकती है. जुर्माने की राशि 200 रुपये तक हो सकती है।
धारा 144 के तहत एक साल की सजा
- दिल्ली समेत कई शहरों में धारा 144 लागू कर दी गई है। धारा 144 किसी भी जगह पर हालात बिगड़ने की संभावना को देखते हुए लगाई जाती है. इस वजह से बिगड़ते हालात के कारण नागरिकों को किसी भी तरह का नुकसान ना पहुंचे।
- धारा 144 लगे होने के बाद सड़क पर चार से ज्यादा लोग एक साथ खड़े नहीं हो सकते।
- अगर कोई व्यक्ति धारा 144 का उल्लंघन करता है तो पुलिस उस व्यक्ति को धारा 107 या धारा 151 के तहत गिरफ्तार कर सकती है. इसके साथ ही उसे एक साल तक की कैद की सजा दी जा सकती है, इस अपराध में जमानत हो सकती है।
- लॉकडाउन से जुड़े नियम
- अगर आप लॉक डाउन के दौरान लाभ पाने के लिए झूठ बोलते हैं या झूठा बहाना बनाते हैं तब भी आपको दो साल की जेल या जुर्माना या दोनों की सजा हो सकती है।
- लॉक डाउन में जरूरी सामान के अवैध भंडारण की स्थिति में भी जेल की सजा हो सकती है।
- अगर लॉक डाउन की अवधि में कोई जिम्मेदार अधिकारी अपनी शक्तियों का दुरूपयोग करता है तो उसे गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
- झूठी खबर या अफवाह फ़ैलाने के मामले में भी एक साल जेल की सजा हो सकती है।